Chat GPT की कमाई -
Chat GPT के राजस्व में 2022 से 2025 तक महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। 2022 में, कंपनी का राजस्व लगभग 28 मिलियन डॉलर था। 2023 में, यह बढ़कर लगभग 1.3 बिलियन डॉलर हो गया। 2024 के लिए, कंपनी ने 3.7 बिलियन डॉलर का अनुमान लगाया है। 2025 में, राजस्व के 11.6 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इस प्रकार, 2022 से 2025 तक, Chat GPT का कुल अनुमानित राजस्व लगभग 16.628 बिलियन डॉलर है ।
चैट GPT की कमाई को देखकर अमेरिका ने दूसरे अन्य टूल भी बनाएं जो कि लगभग चैट GPT की तरह ही काम करते हैं ऐसा TOOL बनाने का मुख्य मकसद यही था कि ज्यादा से ज्यादा कमाई की जा सके और कम समय में कमाई की जा सके। चैट GPT की तरह काम करने वाले कुछ मुख्य टूल प्रकार से है।
Google Gemini
Microsoft Copilot
Claude Anthropic
Perplexity AI
Mistral AI
ChatGPT जैसा AI-आधारित सॉफ़्टवेयर के लिए कई तरह की कोडिंग और टेक्नोलॉजी की जरूरत पड़ती है । नीचे एक डिटेल लिस्ट दी गई है:
1. प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Programming Languages)
✅ Python – Machine Learning और AI के लिए सबसे पॉपुलर भाषा
✅ JavaScript – वेब इंटरफेस और रियल-टाइम चैटबॉट के लिए
✅ C++ – कुछ हाई-परफॉर्मेंस ऑप्टिमाइज़ेशन के लिए
✅ Go (Golang) – तेज़ और स्केलेबल बैकएंड सर्विस के लिए
✅ Rust – हाई-सिक्योरिटी और परफॉर्मेंस-क्रिटिकल एप्लिकेशन के लिए
2. मशीन लर्निंग और AI फ्रेमवर्क (Machine Learning & AI Frameworks)
✅ TensorFlow – Neural Networks और Deep Learning मॉडल बनाने के लिए
✅ PyTorch – रिसर्च और कस्टम मॉडल डेवलपमेंट के लिए
✅ Hugging Face Transformers – Pre-trained AI मॉडल्स (जैसे GPT, BERT) के लिए
✅ OpenAI API – अगर आप पहले से बना हुआ GPT मॉडल इस्तेमाल करना चाहते हैं
3. डेटा प्रोसेसिंग और NLP (Natural Language Processing)
✅ spaCy – टेक्स्ट प्रोसेसिंग और टोकनाइज़ेशन के लिए
✅ NLTK (Natural Language Toolkit) – लैंग्वेज मॉडलिंग के लिए
✅ Gensim – वर्ड एम्बेडिंग और डॉक्यूमेंट सिमिलैरिटी के लिए
✅ Word2Vec / FastText – शब्दों की गणना और संदर्भ निकालने के लिए
4. बैकएंड और API डेवलपमेंट (Backend & API Development)
✅ FastAPI – तेज़ और इफेक्टिव API बनाने के लिए
✅ Flask / Django – Python में वेब एप्लिकेशन और API सर्वर के लिए
✅ Node.js (Express.js) – रियल-टाइम चैट सर्वर के लिए
✅ GraphQL – एडवांस API क्वेरी ऑप्टिमाइज़ेशन के लिए
5. डाटा स्टोरेज और डेटाबेस (Data Storage & Databases)
✅ PostgreSQL / MySQL – स्ट्रक्चर्ड डेटा (यूज़र हिस्ट्री, चैट लॉग्स) स्टोर करने के लिए
✅ MongoDB – अनस्ट्रक्चर्ड और JSON डेटा के लिए
✅ Elasticsearch – तेज़ सर्च और क्वेरी ऑप्टिमाइज़ेशन के लिए
✅ Redis – कैशिंग और तेज़ डेटा एक्सेस के लिए
6. क्लाउड और डिप्लॉयमेंट (Cloud & Deployment)
✅ AWS (Amazon Web Services) – AI मॉडल होस्टिंग और डेटा प्रोसेसिंग
✅ Google Cloud (GCP) – TPU (Tensor Processing Units) के साथ स्केलेबल AI डेवलपमेंट
✅ Microsoft Azure – AI और ML सर्विसेज के लिए
✅ Docker / Kubernetes – AI सर्वर स्केल करने और कंटेनराइज़ करने के लिए
7. वेब और मोबाइल इंटरफेस (Web & Mobile Interface)
✅ React.js / Next.js – इंटरएक्टिव वेब चैटबॉट के लिए
✅ Vue.js – हल्का और तेज़ UI बनाने के लिए
✅ Flutter / React Native – मोबाइल चैटबॉट ऐप बनाने के लिए
8. सिक्योरिटी और ऑथेंटिकेशन (Security & Authentication)
✅ OAuth 2.0 / JWT (JSON Web Tokens) – यूज़र लॉगिन और डेटा सुरक्षा
✅ SSL / TLS Encryption – चैट डेटा को सुरक्षित करने के लिए
✅ Firebase Authentication – आसान लॉगिन और यूज़र हैंडलिंग
9. डेटा एनालिटिक्स और लॉगिंग (Data Analytics & Logging)
✅ Logstash / Kibana – चैटबॉट डेटा एनालिसिस और मॉनिटरिंग
✅ Google Analytics – यूज़र इंटरैक्शन को ट्रैक करने के लिए
✅ Prometheus / Grafana – AI मॉडल की परफॉर्मेंस को ट्रैक करने के लिए
हमारे स्कूलों और कॉलेज में इसी तरह की कोडिंग नॉलेज की पढ़ाई की जरूरत है ताकि ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट इस लाइन में उतर सकें और अमेरिका के सभी डिजिटल प्रोडक्ट का सामना कर सके इसलिए हमारे एजुकेशन सिस्टम में बहुत ही जल्दी बदलाव की जरूरत है क्योंकि देश के युवा अगर सही गाइडलाइन पर काम करेंगे तो देश तरक्की करेगा ही करेगा। अब खुद समझिये की मार्केट में चीज चल रही है कुछ और ,और प्रोडक्ट बनाकर आप बेचेंगे कुछ और तो कैसे काम चलेगा।
कहने का मतलब यह हुआ की कंपटीशन चल रही है chat gpt AI टूल पर और ब्लॉक चैन पर लेकिन आप बच्चों को पढ्वा रहे हैं वही फ़ालतू का इतिहास भूगोल वह भी हैवी मात्रा में तो कैसे काम चलेगा ? अर्थात कैसे देश तरक्की करेगा ?
, एक तरह से समझा जाए तो तमाम तरह के डिजिटल प्रोडक्ट बनाकर विदेशी लोग अन्य देशों का पैसा हड़प ही रहे हैं बस केवल हड़पने का टैग नहीं लगा यहां पर बात वहीं आ जाती है कि ज्ञानी और बलषाली होने का मतलब यह भी नहीं है कि व्यक्ति सीधे-सीधे या घुमा फिरा कर अत्याचारी हो जाए क्योंकि अगर आप कोई भी प्रोडक्ट बनाकर चाहे वह डिजिटल हो या फिजिकल हो जब सारे देश का पैसा आप खुद ही इकट्ठा कर लेंगे तो दूसरे देश वाले क्या करेंगे ?
नेचर पर सबका अधिकार है और बराबर रूप से अधिकार है हां थोड़ा बहुत कम बेसी आप करके ले सकते हैं लेकिन इतना भी न ले की दूसरे देश के लोग खाने को तरसने लगे।
आज टेक्नोलॉजी में अमेरिका आगे है तो कल भारत भी आगे हो सकता है तो क्या फिर भारत भी दूसरे देशों का पैसा हड़प लेगा और हड़प लेगा तो हड़पकर करेगा क्या ? इंसान के खाने पीने और रहने का दायरा सीमित है इसीलिए वह दूसरे का हिस्सा लेकर भी कुछ नहीं कर सकता।
करने में वह अगर कुछ कर सकता है तो बस दूसरे की गरीबी और विवशता को देखकर वह सुखी हो सकता है लेकिन वह सुखीपन भी बहुत ही फलदायनी नहीं होती है , वह बस थोड़े समय के लिए ही होती है।
कितना भी दूसरे का पैसा इकट्ठा कर लोगे लेकिन सोओगे एक बिस्तरे पर ही और पियोगे पानी ही तथा खाओगे दो से तीन टाइम का भोजन हीं इससे ज्यादा कुछ नहीं बढ़ा सकते।
और जिओगे 60 से 70 साल ही उसके बाद अगर जिओगे तो उसमें भी लटक झटक कर जिओगे। इस 60 से 70 साल में कब क्या हो जाए यह भी निश्चित नहीं अर्थात हाथ भी टूट सकता है ,पैर भी टूट सकता है या कोई भयंकर बीमारी भी हो सकती है तो कुछ भी हो सकता है यानी केवल पैसे इकट्ठा करके ही आप सुख नहीं बटोर सकते हैं
लोग ठीक से समझते नहीं है और धन प्राप्ति के पीछे तथा शक्ति प्राप्ति के पीछे परेशान रहते हैं और यह सब चीज सीधे-सीधे अगर उन्हें मिल जाती है तो ठीक है वरना उनको हेरा फेरी भी करने आता है मतलब यह हुआ की वे किसी भी अस्तर तक गिर सकते हैं और यह सब झंझट केवल धन और शक्ति के लिए होता हैं।
क्योंकि मूर्ख लोग बहुत ज्यादा सोच पाते ही नहीं इसलिए उनको समझाना शास्त्र के हिसाब से थोड़ा सा कठिन हो जाता है इसके लिए उनसे उन्हीं की भाषा में बात करनी होगी अर्थात उन्हीं की तरह AI टूल बनाकर जो की खूब पैसा अर्जित कर कर दे ऐसा कंपटीशन करना होगा और इसी तरह की भाषा से उन्हें समझना होगा तब जाकर वे शायद समझ जाए अर्थात हम इंडियन लोग को चाहिए कि हमें भी चैट GPT की तरह AI टूल बनाएं और खूब पैसा कमाए तथा लोगों को यह बताएं कि जिंदगी में हर चीज पैसा ही नहीं होता है बल्कि धर्म ज्ञान ही श्रेष्ठ है यह लेसन आपको विश्व के धरोहर पर देना होगा तब जाकर सब कुछ व्यवस्थित होगा
मात्र दो से ढाई साल में chat GPT ने गजब की कमाई कर ली है जबकि अपने इंडिया में इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है आज तक कोई ऐसा ब्राउज़र ही नहीं बना जो की इंडिया में खूब चलता हो अर्थात कोई इंडियन प्रोडक्ट सोशल मीडिया पर एक्टिव है ही नहीं खाली रोड बनवाकर क्या होगा जबकि सारा पैसा देश से पीछे के रास्ते से निकला जा रहा है।
जब तक ऑनलाइन काम नहीं किया जाएगा और विदेशी प्रोडक्ट को बंद नहीं किया जाएगा तब तक देश की गरीबी जाएगी ही नहीं यह ठीक उसी तरह है जैसे कि आज से कुछ समय पहले जब अंग्रेजों का राज था तो भारत उनका कोट पहनने से इनकार कर दिया था और अपना खादी पहनने पर ही बल दिया था।
जब तक ऑनलाइन काम नहीं किया जाएगा और कमाई नहीं कि जाएगी और विदेशी प्रोडक्ट को बंद नहीं किया जाएगा तब तक देश की गरीबी जाएगी ही नहीं यह ठीक उसी तरह है जैसे कि आज से कुछ समय पहले जब अंग्रेजों का राज था तो भारत उनका कोट पहनने से इनकार कर दिया था और अपना खादी पहनने पर ही बल दिया था।
ठीक उसी तरह आज के समय में हमें चाहिए कि हम अमेरिकन ट्विटर ,इंस्टाग्राम , यूट्यूब , गूगल , चाट-CHAT - GPT ,फेसबुक कोई भी विदेशी प्रोडक्ट है सबको बंद कर दे और अपने देश में , अपने देश का बना प्रोडक्ट उपयोग करे इन सब सोशल मीडिया को एक्टिव करें खुद बनाकर ताकि देश का जो पैसा DIGITALLY बाहर चला जा रहा है बैक डोर से, वह जाना बंद हो जाए और देश गरीब होने के बजाय अमीर हो जाए , क्योंकि अब कंपटीशन डिजिटल है और फिजिकली भी है लेकिन डिजिटल बहुत ही ज्यादा है इसलिए डिजिटल सेक्टर में बहुत ही तेजी से उतरना होगा हमारे पाठक गण भी ध्यान दें कि यूट्यूब पर वीडियो अपलोड करने के बजाय वह
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