विदेश का डिजिटल सर्विस लेने से पहले सौ बार सोचे

  



पहले तो विंडो, एंड्राइड ,आईफोन इत्यादि की मदद से लोगों के पर्सनल डाटा लिए जाते थे लेकिन अब तो पूरे और सीधे का सीधे सरवर से ही पूरा डाटा ले लिया जाएगा क्योंकि इंडिया में स्टार लिंक लांच होने जा रही है और स्टार लिंक अमेरिकन प्रोडक्ट है अब नेट का इस्तेमाल स्टार लिंक के थ्रू होगा जिसका मतलब यही हुआ कि आपका पूरा कंट्रोल स्टार लिंक के हाथ में होगा जाहिर सी बात है कि हम लोग जो  नेटवर्क उपयोग  करते हैं उस नेटवर्क प्रोवाइडर के पास हमारा  पूरा डाटा होता है कि हम किस समय किस दिन क्या-क्या चीज यूज़  किए थे , इसके साथ-साथ उनके पास हमारा लोकेशन ,मोबाइल नंबर,बैंक अकाउंट डिटेल्स ,होम डिटेल्स,आधार कार्ड डिटेल्स, पैन कार्ड डिटेल्स , किस समय हम किसको क्या मैसेज किए थे क्या बातें किए थे वह सब पूरा डिटेल उनके पास रहता है, ऑडियो से लेकर वीडियो कालिंग इन सब  रहती है ,


हमारे कंप्यूटर में पड़ा विंडो, लिनक्स, unix ...   इत्यादि ऑपरेटिंग सिस्टम या फिर मोबाइल में पड़ा एंड्राइड इत्यादि ऑपरेटिंग सिस्टम  हमारे द्वारा किए गए ऑडियो वीडियो कॉल का पूरा डिटेल निकाल कर किसी पर्टिकुलर जगह लोड कर देता है,और यह पर्टिकुलर जगह किसी अमेरिकन जगह ही होता है किसी एक पर्टिकुलर स्टोरेज मे।   और इस तरह से हमारा पूरा डाटा उनके पास चला जाता है यह तो ऑनलाइन की बात हो गई लेकिन अगर हमारा मोबाइल यूं ही बेड पर पड़ा है और हम उससे कोई बातचीत नहीं कर रहे हैं फिर भी वह हमारा सारा डाटा किसी अमेरिकन स्टोरेज में जमा कर रहा है यानी वह हमारी सारी बातें सुन भी रहा है और देख भी रहा है इस तरह की सेटिंग की गई है दरअसल इन ऑपरेटिंग सिस्टम में  कुछ स्पाइवेयर प्रोग्राम भी डाले गए हैं जिससे की यूजर अगर बात भी ना करें मोबाइल से और किसी दूर जगह रखा भी रहे तो भी उसकी सारी  डाटा व उसकी लोकेशन इत्यादि सब कुछ पहुंचता रहता है। 


क्योंकि एंड्राइड सिस्टम हो या फिर आईफोन हो या फिर विंडो हो इन सब  ऑपरेटिंग सिस्टम को बनाते समय ही उसमें कुछ स्पाइवेयर प्रोग्राम इंस्टॉल कर दिए  गए थे ताकि डाटा की चोरी की जा सके वह भी बैकग्राउंड पैनल से ताकि यूजर को पता ही नहीं चले   कि उनका डाटा निकाला जा रहा है और केवल  निकाला  ही नहीं जा रहा है बल्कि निकालकर स्टोर भी किया जा रहा है इसलिए अगर हमारा मोबाइल हमारे पास है और उसका उपयोग  भी नहीं कर रहे हैं फिर भी हमारा डाटा उनके पास पहुंच रहा है इसलिए अगर आप कोई प्राइवेट बात कर रहे हैं तो अपने मोबाइल को स्विच ऑफ कर दे और यह सोच की नो  करंट इन मोबाइल  मिंस नो डाटा फ्लो।  




तो चुकी यह सब डिटेल पहले हमारे देश में ही सीमित था क्योंकि हम लोग ज्यादातर इंडियन नेटवर्क ही उसे करते थे लेकिन  अब अगर हम लोग विदेशी नेटवर्क उसे करेंगे जैसे कि स्टार लिंक का तो सारा डाटा उनके पास रहेगा और इस तरह से हम लोग पूरा डाटा अपना स्टार लिंक को दे देंगे और स्टार लिंक या डाटा अपने किसी प्राइवेट सर्वर में जो कि अमेरिका में होगा उसमें स्टोर कर देगा इस तरह हमारे देश का सारा डाटा उनके पास चला जाएगा और आजकल तो डाटा का नाम ही है मनी जितना डेटा जिसके पास रहेगा वह उतना ही धनवान होता चला जाएगा . इन लोगों का कहना है कि हम लोगों ने अर्थ से 500 से 600 किलोमीटर पर एक सैटेलाइट भेजा है जो की जंगल झाड़ी से लेकर हर जगह तक नेटवर्क प्रोवाइड करेगा लेकिन हम लोग को इस नेटवर्क से घटा भी तो है  और  घटा यह की ऑपरेटिंग सिस्टम के बहाने आप प्राइवेसी पूरा छीन लेंगे और उस प्राइवेसी को बेच - बेचकर  खूब पैसे कमाएंगे इससे अच्छा तो हम लोग का टावर वाला नेटवर्क ही था कम से कम अपनी प्राइवेट चीज अपने देश में ही थी इस तरह से देखा जाए तो डिजिटली देश पूरी तरह से कंगाल हो रहा  है वह भी तेज़ी से , अब तो हम लोगों को चाहिए कि हम लोग विदेशी चीजों का उसी तरह बहिष्कार कर दे जैसे पहले पुराने जमाने में हम लोग काफी और कोट  का बहिष्कार करते थे ठीक वैसा ही बहिस्कार  जरुरत है अब इस समय हैं। 



 आप खुद सोचिए कि चीन और रूस ,अमेरिका का इसीलिए प्रोडक्ट यूज़  नहीं करते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि अगर  वे  ( चीन  और  रूस )  उनका यूज़  करने लगेंगे तो वह लोग सर्विस देने के बहाने लगेंगे उनका प्राइवेसी  चोथने  और कबारने अर्थात उनके देश के सभी लोगों का डिटेल्स अपने यहां लोड  करने और लोड कर करके उसे सेल  कर देंगे या गलत इस्तेमाल करेंगे।  यही सब नोटंकी  और लीला करेंगे।  वैसे तो देखा जाए तो यह सब स्पीड के लिए ही हो रहा है लेकिन इतना ज्यादा  नेट स्पीड की हमें जरूरत ही नहीं है। बिना मतलब का जरुरी दिखाकर बेमतलब का सर्विस लेना कोई बुद्धिमानी का  काम नहीं है। क्योकि इससे बड़ा नुक्सान के शिवाय और कोई फायदा नहीं है।  जितना चादर रहे व्यक्ति को उतना ही पैर फैलाना चाहिए इसी में समझदारी है और भलाई  भी है और यह भी समझ लेना चाहिए कि दूसरे के सोफे पर बैठने से अच्छा है कि खुद के बोरे  पर बैठ जाए। 


 टेक्नोलॉजी के लालच में हम लोग विदेशी कंपनियों और विदेशियों की जंजाल में फस जा रहे हैं जिसकी जरूरत ही नहीं है. अगर आप इस तरह का प्रोडक्ट यूज़  करने के लिए बहुत ही उत्सुक है तो ऐसा प्रोडक्ट आप खुद बनाने की कोशिश करिए ना कि दूसरे देश की टेक्नोलॉजी यूज़  कर कर अपने देश का सारा कवच कुंडल ही बेच दें. रूस और चीन स्टार लिंक का यूज़  नहीं करेंगे बल्कि वह वैसा ही अब प्रोडक्ट बनाकर अपना काम चलाएंगे। 


क्योकि  वे  काफी समझदारी से काम लेते हैं वे  यूं ही किसी का प्रोडक्ट यूज़ नहीं कर लेते क्योंकि वे जानते हैं कि अमेरिका स्टारलिंक के बहाने उनके देश का सारा डाटा खंगार लेगा और खंगार कर उन्ही  को बेचकर पैसा कमायेगा  उन्ही को बेचकर मतलब चीन और रूस से उनका डाटा लेगा  और फिर चीन और रूस को ही  डाटा बेच  देगा तो कहने का मतलब यह है कि चीन और रूस चीजों को समझते हैं इसलिए केवल अंधे की तरह अमेरिकन प्रोडक्ट का यूज़  नहीं करते बल्कि वैसा ही प्रोडक्ट बनाकर खुद अपने देश में लॉन्च करते हैं ताकि देश की प्राइवेसी लीक न हो और देश सुरक्षित  रहे  और यही सब स्टेप लेने में ही महान  समझदारी भी है। 


 जब  सभी देशों में सभी देश के सदस्यों के पास समान रुपया - पैसा नहीं होगा अर्थात समान धन नहीं होगा अर्थात् एक बराबर धन नहीं होगा तब से भ्रष्टाचार और दूसरी अन्य समस्याएं  नहीं खत्म होगी क्योंकि जब लोग खाने को ही तरसेंगे तो वे कैसे ठीक से रह सकते हैं।   क्योकि  ज्यादातर समस्या आर्थिक समस्या को लेकर ही है और आर्थिक समस्या का मुख्य  कारण है कि किसी देश के पास ज्यादा पैसा है तो किसी देश के पास कम यानी धन को एक जगह इकट्ठा कर लेने से विश्व धरोहर की समस्या नहीं खत्म होगी.


 टेक्नोलॉजी  का बहाना लेकर इस प्रोडक्ट को लांच कर दिए और उस प्रोडक्ट का लॉन्च कर दिए इत्यादि लॉन्चिंग का बहाना लेकर सभी देशों का पैसा इकट्ठा करना कोई बुद्धिमानी नहीं है बल्कि महान मूर्खता ही है अब यह मूर्खता भले ही सीधे-सीधे और सामने से ना दिखती हो लेकिन है मूर्खता ही। 


 इसलिए छिपी हुई उत्पीड़न या अत्याचार करने के बजाय लोगों को सहयोग और सहायता प्रदान करने का कार्य करें क्योंकि इसी में स्वहित है जगत हित है और संसार हित है । 


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