हर किसी की जिंदगी में करने के लिए बहुत कुछ होता है अब चाहे वह अच्छा काम करें या बुरा काम करें या दोनों ही करें यह उसके ऊपर डिपेंड करता है अर्थात अच्छा करने या बुरा करने या दोनों ही काम करने में व्यक्ति स्वयं का मालिक है उसे डिसीजन स्वयं ही लेना पड़ता है और ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति अच्छा डिसीजन तभी लेता है जब उसे अच्छी ज्ञान हो और जाहिर सी बात है अच्छा ज्ञान होने के लिए व्यक्ति को ज्ञान प्राप्त करने की आवश्यकता होती है और ज्ञान प्राप्ति को तप के समान कहा गया है अर्थात ज्ञान प्राप्ति में जो व्यक्ति जितनी तपस्या और परिश्रम करना पड़ता है और जितना ही ब्यक्ति स्मार्ट परिश्रम करते चला जाता है उसे उतना ही ज्ञान होता चला जाता है जिस व्यक्ति को जितना अच्छा ज्ञान होता है वह उतना ही अच्छा अपना घर -संसार, परिवार ,रिश्तेदार ,समाज यह सब को बहुत अच्छी ढंग से चला सकता है , और व्यक्ति को यदि अध्यात्म का ज्ञान रहे तो वह पुण्य गति भी प्राप्त करता है जिसकी गति हमेशा उर्ध्व होती हैं.
इस हिसाब से समझा जाए तो हर एक स्थिति में ज्ञान ही अति आवश्यक है और शास्त्र में यह भी माना गया है कि सभी धन में ज्ञान का धन ही सबसे बड़ा है. अतःहर एक व्यक्ति को ज्ञान का धन प्राप्त करने में अपना भरपूर प्रयास लगाना ही चाहिए. और अति उत्साह तथा लगन के साथ प्रयास करना चाहिए ताकि वह अच्छा ज्ञान जल्दी से जल्दी प्राप्त कर सके और अपनी ज़िन्दगी के झंझटो से मुक्त हो सके. ज्ञान की पूर्णता में व्यक्ति देवता के समान व्यवहार करता है और ज्ञान के अत्यंत अभाव में व्यक्ति दानव के समान व्यवहार करता है,
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