अकबर-बीरबल की मजेदार कहानी: अंधेर नगरी
अकबर ने बीरबल से पूछा, "बीरबल, यह आदमी क्या कह रहा है?"
बीरबल ने बताया, "जहांपनाह, यह आदमी कह रहा है कि इस गांव में सब कुछ एक ही कीमत पर बिकता है। चाहे वह सब्जी हो या मिठाई, सब कुछ एक टके (मुद्रा) में बिकता है।"
अकबर ने सोचा और फिर कहा, "बीरबल, यह तो गलत है। यहां के लोग कैसे जी रहे हैं?"
बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा, "जहांपनाह, यह इस बात का संकेत है कि इस गांव का राजा बहुत अयोग्य और अन्यायी है। यहां का शासन व्यवस्था ठीक नहीं है और लोग परेशान हैं।"
अकबर ने गांव के मुखिया को बुलाया और उससे पूछा, "तुम्हारे गांव में ऐसा क्यों हो रहा है?"
मुखिया ने सिर झुकाते हुए कहा, "जहांपनाह, हमारे राजा ने कोई व्यवस्था नहीं की है। वह सिर्फ अपने स्वार्थ में लिप्त रहता है और लोगों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं देता।"
अकबर ने तुरंत आदेश दिया कि इस गांव के राजा को हटाकर एक योग्य और न्यायप्रिय व्यक्ति को राजा बनाया जाए। नए राजा ने गांव की समस्याओं का समाधान किया और लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाया।
सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि एक अच्छे और न्यायप्रिय शासक के बिना कोई भी समाज या गांव प्रगति नहीं कर सकता। योग्य और न्यायप्रिय नेता ही समाज को सही दिशा में ले जा सकते हैं और लोगों की भलाई के लिए काम कर सकते हैं।
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