गीता के ज्ञान से अपने सभी रोग ठीक करे वह भी जल्दी से

  


श्री गीता प्रेस गोरखपुर के द्वारा लिखी गई जो श्री साधक संजीवनी श्रीमद भगवत गीता बहुत ही शानदार है लाजबाब है , और सबसे खास बात यह है की इसका  प्राइस भी काफी कम है  इसके  लेखक है श्री रामसुखदास जी। क्या कमाल  के राइटर है आप जरूर जरूर से पढ़ें इस किताब को। 


इसके साथ अगर आप एक और गीता की बुक पढ़ना चाहते हैं किसी अन्य लेखक की  तो वह है जयदयाल गोयंदुका जी, इनके द्वारा अनुवादित श्री गीता भी अच्छी है यह किताब भी  गीता प्रेस गोरखपुर से ही प्रकाशित है इन दोनों किताबों का अध्ययन हर किसी को जरूर से करना  चाहिए यदि वह भी वह अपने जीवन में और अपने परिवार में,समाज में  अच्छी गति चाहता है तो उसे पढ़ना ही चाहिए ये दोनों किताबे। यकीन मानिएगा इन किताबों को पढ़ने के बाद आपका परिवार बहुत ही अच्छा चलेगा ,घर गृहस्थी ,परिवार इत्यादि चलने में आपको बहुत ज्यादा माथा - पैची  भी नहीं करनी पड़ेगी .

आजकल ज्यादातर परिवार टूट-बिखर रहे हैं और उनके बिखरने का यही कारण है कि उनके परिवार में अच्छा ज्ञान नहीं है और अच्छा ज्ञान श्री गीता के अध्ययन से ही आएगा.



एक बात और ध्यान देने की इन किताबों को जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी खुद भी पढ़ लेना चाहिए और अपने घर परिवार में बाल बच्चों को और सबको पढ़ा देना चाहिए क्योकि मिटटी जब तक गीली रहती है तभी तक उसे मोड़कर कोई भी चीज़ बनाई जा सकती है ,मट्टी जब तप कर कठोर हो जायेगी तो फिर उसे मोड़ना फिर आसान नहीं होगा अर्थात अत्यंत  ही कठिन होगा।  कहने का मतलब जैसे ही कुछ हिंदी टेक्स्ट पढ़ना आ जाय उसी समय से ,तुरंत से श्री गीता पढ़ना सुरु कर दे जरा भी देर न करे क्योकि यदि रोग पनपने से पहले ही उसका उपचार जान लिया जाय और जानकर सावधान हो लिया जाय तो फिर हम रोग से बच जाते है , और रोग से बचना मतलब कस्ट से दूर रहना। इसलिए  फलदायिनी ज्ञान(आल टाइम सुपरहिट ज्ञान )  का भाव अच्छी तरह से सही समय पर बैठ जाए. क्योंकि बाल्यावस्था में  ही अगर बच्चों में सुंदर पौधे लगा दिया जाए तो उनकी उम्र के साथ-साथ वह पौधे भी बढ़ते रहते हैं और वह पौधे जब कुछ समय बाद  वृक्ष बनते हैं तो वह वृक्ष एकदम लाजबाब होता है. मतलब कहने का यह हुआ कि अगर श्री गीता रूपी  ज्ञान की बात को थोड़ा-थोड़ा ही  करके अगर बच्चों में  डाला जाए तो ज्यादा असरदार होगा.


क्योंकि वह संसार में कैसे रहा जाता है ? कब क्या कौन सा काम करना है कौन सा छोड़ना है ? इसका ज्ञान  स्कूल और कॉलेज से नहीं दे  पाते हैं या बिल्कुल ही कम परसेंटेज के रूप में दे हैं जो की बहुत ही ज्यादा फलदायिनी नहीं होता है जबकि श्री  गीता शास्त्र का ज्ञान आपको कंपलीट नॉलेज देता है एक बार इस किताब को  पढ़कर जरूर  से देखें जरूर मतलब जरूर - जरूर से देखे।  आपको फर्क खुद ही समझ में आएगा । 


यह दिब्य किताब आपके जीवन में पुण्य  अमृत- रूपी आकाश -जल सब कुछ भर देगा एकबार पढ़कर तो देखे  आपकी की मूर्खता रूपी सारी  बीमारी यह दूर कर देगा 


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