गुरु शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है गु + रू जिसमें गु का मतलब होता है अंधकार और रू का मतलब होता है दूरकरने वाला अर्थात गुरु का मतलब हुआ अंधकार दूर करने वाला. लेकिन यहां पर तो सब कुछ उल्टा ही है व्यक्ति अंधकार दूर करने के बजाय शिष्यों के जीवन में अँधेरा ही भर दे रहा है कभी सीधे-सीधे तो कभी घुमा फिराकर या यूं कहे की बहुत कम ही उजाला भर रहा है ज्यादातर हिस्सा अंधकार का ही भर रहा है ऐसे में छात्रों का भविष्य कहां उज्जवल होने जा रहा है इस संसार में हर कोई लालची है हर कोई अपने मतलब से ही मिलता है. पहले के गुरु होते थे जो छात्रों को अपना पुत्र के समान समझते थे और महसूस करते हैं लेकिन आजकल के गुरु अपने छात्रों को पैसा देने वाला एजेंट समझते हैं. और स्कूल तथा कॉलेज वाले शिक्षा के नाम पर धंधा खोलते हैं, वे छात्रों से सीधे-सीधे और घुमा फिरा कर खूब पैसे वसूलना चाहते हैं और वह वसूलते भी हैं .
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