ज्यादातर यही देखा गया है कि कोमल स्वभाव के लोग हल्के कलर के वस्त्र ही पहनते है


 


वैसे ज्यादातर यही देखा गया है कि सज्जन स्वभाव के व्यक्ति हल्के रंग के कपड़े पहना पसंद करते है ,  और फालतू के तड़क भड़क से दूर रहते हैं और यह चीज काफी ठीक भी है इंसान को इसी तरह कपड़े पहने ही चाहिए  हल्के रंग का सूती कपड़ा पहने  ताकि स्किन  पर कोई दिक्कत ना हो और फालतू की तड़क-भड़क से दूर रहे कोई मतलब नहीं है इसका। 



 तड़क-भड़क आप किसके लिए कर रहे हैं दूसरों को खुश करने के लिए ही ना , दूसरों को खुश करके क्या होगा जब भगवान ही खुश नहीं रहेंगे और भगवान कपड़े बदलने से खुश नहीं होते हैं उनको खुश करने के लिए आपको  सात्विक और शुद्ध ज्ञान होनी चाहिए ,ज्ञान भी ना रहे तब पर भी भक्ति भाव रहे  , ज्ञान में कौन सा ज्ञान प्राप्त करना है वह आप जान ही चुके हैं. इसलिए रूपए पैसे कमाते रहिए ,घर- गृहस्थी  चलते रहिये लेकिन ज्ञान प्राप्ति का अवसर  भी नहीं छोड़िए , अगर हफ्ता में दो से तीन दिन भी  एक-एक घंटा दे देंगे तो अभी आप श्री गीता शास्त्र बड़ी आराम से पढ़ लेंगे,  और फिर जब श्री गीता पढ़ लेंगे तो आपको खुद ही फर्क समझ में आएगा ,आप तुलना करेंगे अपने पहले के जीवन से जब अपने श्री गीता नहीं पड़ी थी और जब अपने श्री गीता पढ़ ली फिर इसके बाद की स्थिति  की तो खुद ही बहुत ही बड़ा अंतर दिखेगा. 


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