स्कूल कॉलेज के ज्ञान टाइम ,एनर्जी ,मनी और मनोभाव का कोई बहुत ज्यादा बढ़िया रिजल्ट नहीं देते

 


छात्र जो स्कूल कॉलेज में ज्ञान प्राप्त करते हैं वह ज्ञान बहुत कम ही भला का रहता है या लगभग  किसी काम का नहीं रहता है क्योंकि इस ज्ञान से वह छात्र संसार में कैसे रहना है ? कब क्या कौन सा काम करना है ?इन सभी का  निर्णय वह ठीक से नहीं ले पता या बिलकुल निर्णय नहीं ले पाता है। 


 क्योंकि वह संसार में कैसे रहा जाता है ? कब क्या कौन सा काम करना है कौन सा छोड़ना है ?  इसका ज्ञान उसे रहता ही नहीं है और एकदम बिल्कुल नहीं रहता या बहुत ही को परसेंटेज में रहता है  क्योंकि इसका ज्ञान उसने लिया ही नहीं है .



हम  स्कूल और कॉलेज से सही फलदायनी  ज्ञान ले ही नहीं पाते हैं या बिल्कुल ही कम परसेंटेज के रूप में लेते हैं जो की बहुत ही ज्यादा फलदायिनी नहीं होता है जब कि श्री  गीता शास्त्र का ज्ञान आपको कंपलीट नॉलेज देता है एक बार इस किताब को  पढ़कर जरूर  से देखें जरूर मतलब जरूर - जरूर से देखे। यह दिब्य किताब आपके जीवन में पुण्य  अमृत रूपी आकाश -जल सब कुछ भर देगा एकबार पढ़कर तो देखे  आपकी मूर्खता रूपी सारी  बीमारी यह दूर कर देगा हम पढ़ते ही नहीं और दूसरे के बहकावे में आकर इसे छोड़ देते है ,दुस्ट लोग आपको सही रास्ते नहीं चलने देंगे इसलिए उनके चक्कर  में अर्थात उनकी बातो में ना फसे।


 जैसे आपने अपने जीवन में इतनी सारी किताबें पढ़ी वैसे ही श्री गीता शास्त्र को को भी पढ़ने की कोशिश करिये ,पढ़ने में क्या  जाता है आप जब पढ़ लेंगे और पढ़ने के बाद जब अपने स्कूल - कॉलेज में प्राप्त होने वाले ज्ञान से तुलना (कंपैरिजन) करेंगे तो आपको लगेगा कि आपने जो स्कूल - कालेज में पढ़ा था वह सारी किताबें  लगभग फालतू के  कूड़ा करकट ही थे उससे तो उतना फायदा और ज्ञान मिला ही नहीं , ज्ञान था ही नहीं और जब रहेगा ही नहीं तो मिलेगा क्या  ?  यह सब बैठकर जब आप सोचेंगे एनालिसिस करेंगे की स्कूल  कॉलेज में जो टाइम , एनर्जी , मनी और  पैशन  ( मनोभाव ) लगा दिए  उसका सही रिजल्ट तो बिल्कुल ही नहीं मिल पाया ,  आप सींचने  के बाद  आप उदास  और क्रोधित  महसूस करेंगे।   और मन ही मन सोचेंगे कि हाय !  कितना हमारा अमूल्य   टाइम , एनर्जी , मनी और  पैशन  ( मनोभाव )  सब कुछ  बर्बाद हो गया और यह सब चीज अब दोबारा लौट भी नहीं सकती है शिवाय मनी के।  हो सकता है कि यह सब बातें आपको बहुत ही मामूली  लग रही हो  या कुछ लोगों को अच्छी लग भी रही होगी लेकिन इन सब बातो को  एकदम अच्छी तरह से समझना है तो-  खुद शांत भाव से अध्ययन करने की कोशिश करें फिर आपको एकदम अच्छी तरह से समझ में आएगा इतना तो आप कर ही सकते हैं.



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