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मंदिरों में दर्शन के लिए जाएं लेकिन किसी बाबा या संत या आश्रम इन सब के चक्कर में ना पड़े और वहां पर ठहरने की भी कोशिश ना करें बस मंदिर में दर्शन कर लिए और वहां से चल दे वहां रुकने की जरूरत नहीं है क्योंकि आजकल शोषण बहुत ही चरम सीमा पर है और यह सामने से नहीं होता है बल्कि बैक डोर से होता है और अगर मंदिर में बहुत ज्यादा भीड़ रहे तो यह जरूरी नहीं है कि आप मंदिर के अंदर ही जाएं और मूर्ति के सामने , मूर्ति को छुएंगे तभी दर्शन होगा ऐसा कुछ नहीं है भगवान सब जगह है और आप दूर से भी श्री हरी का दर्शन कर सकते हैं ऐसा कोई जरूरी नहीं है कि आप एकदम मूर्ति के पास चले जाए।
एक बात और ध्यान देने की है की ,जब दर्शन करने जाए तो भगवान को पैसा ना चढ़ाएं बल्कि फल ,फूल ,पुष्प इत्यादि चढ़ाये अगर वह भी ना हो तो कोई बात नहीं जल ही चढ़ा दे अगर जल भी नहीं चढ़ना चाहते हैं तो केवल मन से चरण छू ले , भगवान खुश हो जाएंगे।
भगवान को दान में पैसा चढ़ाना उतना जमता नहीं जितना जमना चाहिए। जिसने पूरी दुनिया बनाई है सहस्रो लोक बनाई हो उसे भला पैसे की क्या जरूरत है उसे तो बस आपका प्रेम और भक्ति भाव ही चाहिए जितना ज्यादा आपका प्रेम और भक्ति भाव शुद्ध परसेंटेज में होगा भगवान उतना ही ज्यादा "श्री हरी जी "आपसे खुश होंगे और आप पर कृपा करेंगे।
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