Akbar-Birbal ki Kahani: Haathi aur Darwaza

 





Akbar-Birbal ki Kahani: Haathi aur Darwaza

एक बार अकबर ने बीरबल से पूछा, "बीरबल, तुम्हें अगर हाथी को एक दरवाज़े से गुज़रना हो तो वह दरवाज़ा कैसे निकलेगा?"

बीरबल ने सोचा और फिर उत्तर दिया, "जहांपनाह, हाथी को दरवाज़े के ऊपर से गुज़रने के लिए उसको दरवाज़े के ऊपर से गुज़रना होगा।"

अकबर ने आश्चर्यचकित होकर पूछा, "लेकिन दरवाज़े के ऊपर से तो कोई रास्ता नहीं होता।"

बीरबल ने फिर मुस्कुराते हुए कहा, "जहांपनाह, यदि हाथी को दरवाज़े के नीचे से गुज़रना हो तो वह दरवाज़े के नीचे से गुज़रेगा।"

अकबर ने बीरबल की चतुराई की सराहना की और उन्हें इनाम दिया।

सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में समस्याओं का समाधान अक्सर सरल और नयाब दृष्टिकोण से हो सकता है। बीरबल ने समस्या को अनोखे तरीके से देखा और उसका सही उत्तर दिया, जिससे अकबर भी हैरान और प्रसन्न हुए

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