आप खुद सोचिए कि अत्याचार से कमाया हुआ धन किस काम का होगा यह तो केवल दुख और परेशानी को ही वापस लाएगा। लोग दूर का परिणाम सोचते नहीं और थोड़े से फायदे के लिए आपस में लड़ते - झगड़ते रहते हैं।
जिंदगी में सब कुछ पैसा और शक्ति ही सब कुछ नहीं होती है दूसरी अन्य चीज भी होती है अतः एक प्रदेश के लोग दूसरे प्रदेश के लोगों के साथ प्रेम और शांति का व्यवहार करें धन से शक्तिशाली होने का मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति दूसरे निर्धन देश पर इधर -उधर करके अत्याचार करें। अतः शक्तिशाली देश दूसरे देश के ऊपर मानवीयता का व्यवहार करें और उनको किसी तरह का दुःख या तकलीफ ना दे ऐसा सोच उनके महात्मा होने का सूचक होगा।
इसलिए लोग अपनी व्यवहार में कोमलता लाये और व्यवहार में जब कोमलता लाएंगे तभी उनका ज्ञान कोमल होगा। मन की सोच कोमल होगी और लोग एक दूसरे से अच्छा व्यवहार करेंगे और यह तभी होगा जब आप शाकाहारी जीवन व्यतीत करेंगे।
अपने खून में जानवरों का खून ना मिलाये अर्थात मांसाहार का सेवन न करे क्योंकि इससे हिंसक प्रवृत्ति बनती है अर्थात दूसरे पर अत्याचार करने का मनोभाव तैयार होता है। सबसे खास बात यह है की यह मनोभाव तैयार हो भी जाएगा और आप लोगों को पता भी नहीं चलेगा, इसलिए गीता शास्त्र का अध्ययन जरूर से करें इसके साथ ही साथ आपको आयुर्वेद शास्त्र का भी अच्छा ज्ञान होना चाहिए।
मन को बुद्धिमान ,शांत और स्थिर बनाने के लिए आपको पिक सिरिस , पारिजात पत्ती, गुलाब के फूल का पाउडर, इत्यादि को रूम टेंपरेचर पर सुखाकर पाउडर बनाकर अपने जीवन में प्रयोग करें फिर देखे कमाल निश्चित तौर पर आपका दिमाक तेज होगा और विचार भी काफी गहरे होंगे और गहरे होंगे और जैसा की हम जानते है की गहरे विचारों के साथ लिया गया डिसीजन आपको एक ऊंचे स्थान पर ले जाता है और बढ़िया रिलेशन में वृद्धि करता है।
आपको ऐसा लग रहा होगा कि यह पिक सिरिस , गुलाब पाउडर और पारिजात की पत्ती यह सब बस यूं ही है इसका कोई बहुत ही ज्यादा महत्व नहीं है अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो बिल्कुल गलत सोच रहे हैं और फालतू का सोच रहे हैं क्योंकि बिना खाए तो आप अंदाजा लगा ही नहीं सकते की यह कितना अच्छा है या कितना ख़राब और जैसे बताया गया है वैसे सुखाकर इसे घर पर बनाना है ना की मार्केट से खरीदना है .
खाने के बाद इसके असर का रीडिंग जरूर लीजिए कि वाकई में यह दिमाग पर और शरीर पर क्या और कितना असर कर रहा है। ऐसा नहीं कि केवल बैल की तरह खाते चले गए और क्या असर पड़ रहा है दिमाग पर और शरीर पर इसका कुछ रीडिंग लिए ही नहीं। आप खुद सोचिये की जब आप रीडिंग लेंगे ही नहीं तो आपको पता है कैसे चलेगा कि यह कितना फायदेमंद है और कितना नुकसानदेह अतः रीडिंग जरूर से ले।
इसलिए हर किसी को अपने लाइफ में श्री गीता शास्त्र और आयुर्वेद का अच्छा ज्ञान जरूर जरूर से रखना चाहिए क्योंकि इन दोनों का कंबीनेशन जीवन को एक अच्छा टर्न प्रदान करता है और जीवन को काफी सुखमय बनता है यह सब बातें किसी भी देश प्रदेश के लोगों के लिए सत्य है और इसे सभी देश के लोग फॉलो करें निश्चित तौर पर सबको फायदा मिलेगा और सब कोई प्रेम व्यवहार और शांति से रहेगा
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