Akbar-Birbal ki Kahani: Birbal ki Khichdi
एक दिन अकबर ने अपने मंत्रियों से पूछा, "मुझे एक ऐसी खिचड़ी बनाओ जो हर चीज़ में सबसे मिठा हो।"
मंत्रियों ने अपनी अपनी विचार रखी, परंतु कोई भी सही जवाब नहीं दे पाया। इस पर बीरबल ने कहा, "जहांपनाह, मैं आपके लिए खिचड़ी बना सकता हूँ, जो हर चीज़ में सबसे मिठा होगा।"
अकबर ने उसे चुनौती दी और कहा, "तुम जैसी खिचड़ी बना सको, वैसी ही तुम्हें इनाम मिलेगा।"
बीरबल ने खिचड़ी बनाई और उसमें मीठा खाने का तेल मिला दिया। फिर उसने खिचड़ी को अकबर के सामने रखा।
अकबर ने एक चमच खिचड़ी ली और अचानक उसे उल्टा लिया। उसने बीरबल से पूछा, "तुमने मुझे कहा था कि यह खिचड़ी हर चीज़ में सबसे मिठा होगा, लेकिन यह तो उल्टा मीठा है।"
बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा, "जहांपनाह, आपने खिचड़ी के ऊपर से चमच उल्टा लिया है। इसलिए वह मीठा नहीं, बल्कि उल्टा मीठा हो गया। जैसे कि 'विपरीत भाषा' के अंग्रेजी उल्टा हो जाता है।"
अकबर ने बीरबल की चतुराई की सराहना की और उसे इनाम दिया।
सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में कभी-कभी हमें बातों को उलटा समझने की आदत हो जाती है। हमें हर स्थिति को एक नए दृष्टिकोण से देखने की क्षमता होनी चाहिए, ताकि हम सही और समझदार निर्णय ले सकें।
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