Akabar beerbal story in hindi

 



अकबर-बीरबल की मजेदार कहानी: चोर कौन?

एक बार की बात है, बादशाह अकबर अपने दरबार में बैठे हुए थे। दरबार में एक व्यक्ति आया और बोला, "जहांपनाह, मेरे घर में चोरी हो गई है।"

अकबर ने तुरंत बीरबल को बुलाया और कहा, "बीरबल, इस आदमी के घर में चोरी हो गई है। हमें चोर को पकड़ना है।"

बीरबल ने सोचा और फिर उस आदमी से पूछा, "तुम्हारे घर से क्या-क्या चोरी हुआ है?"

आदमी ने बताया, "जहांपनाह, मेरे घर से सोने के सिक्के और गहने चोरी हुए हैं।"

बीरबल ने दरबार में सभी दरबारियों को इकट्ठा किया और उन्हें एक-एक लाठी दी। फिर उसने कहा, "यह कोई साधारण लाठी नहीं है। यह एक जादुई लाठी है। जिस व्यक्ति ने चोरी की है, उसकी लाठी रात भर में एक इंच बढ़ जाएगी।"

सबने अपनी-अपनी लाठी ली और अपने-अपने घर चले गए। अगले दिन सभी दरबारी वापस दरबार में आए। बीरबल ने उनकी लाठियों की जांच की और फिर एक दरबारी की लाठी को देखकर कहा, "जहांपनाह, यही चोर है।"

अकबर ने पूछा, "बीरबल, तुमने कैसे पहचाना?"

बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा, "जहांपनाह, मैंने सभी को जादुई लाठी दी थी, लेकिन चोर ने डर के मारे अपनी लाठी को एक इंच काट दिया, ताकि उसकी लाठी बढ़े नहीं और वह पकड़ा न जाए। इसी कारण उसकी लाठी बाकी लाठियों से छोटी है।"

चोर ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और उसे सज़ा दी गई। अकबर ने बीरबल की बुद्धिमानी की तारीफ की और दरबार में सभी ने बीरबल की प्रशंसा की।

सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चाई कभी छुपती नहीं है और बुद्धिमानी से हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।

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