अगर कोई व्यक्ति श्रीमद् भागवत गीता का अध्ययन कर लेता है तो उससे आगे का ज्ञान प्राप्त करने के लिए उसे 18 पुराण पढ़ना चाहिए और 18 पुराण में सबसे पहले गरुड़ पुराण पढ़ना चाहिए क्योंकि गरुड़ पुराण में जीवन से लेकर मृत्यु तक का पूरा लेयर बाय लेयर वर्णन करती है अर्थात माता के गर्भ में किसी बच्चे को जन्म के दौरान कितनी पीड़ा सहन करनी पड़ती है उसका वर्णन है
ज्यादातर यही देखा गया है कि महिलाएं सोचती है कि बच्चों के जन्म के दौरान केवल माता को ही तकलीफ होता है और बच्चों को कोई ज्यादा परेशान नहीं रहती है .
जबकि बच्चे और ज्यादा परेशान रहते हैं वह भी डबल या ट्रिपल रेट से, तो इस तरह से वहां जन्म से लेकर मृत्यु तक की तमाम बातों का पूर्णतया लेयर बाई लेयर विवरण दिया गया है एक बार उसे आप जरूर पढ़ ले इसके पढ़ने के बाद बाकी बचे 17 पुराण को भी पढ़ सकते हैं अगर आपके पास समय है तो वैसे हर किसी के पास तो समय होता ही बस निकालने की जरूरत है.
वैसे आपके जीवन की सारी प्रश्नों का उत्तर श्री गीता शास्त्र में वर्णित है और उसमें भी कम लगे तो आप 18 पुराने का अध्ययन कर लो बाकी ढेकी सब पूरा हो जाएगा. वैसे सबसे पहले हर किसी को श्री गीता शास्त्र का ही अध्ययन करनी चाहिए. क्योंकि यह किताब एकदम लाजवाब है बेमिसाल है,अतुलनीय है ,कोई स्कूल -कॉलेज की किताबे चाहे वह इस जमाने की हो या पुराने ज़माने की हो इस महान किताब के आगे एकदम नहीं ठहरती ,ठहरेंगी भी कैसे क्योकि अन्य किताबे इंसानो द्वारा वर्णित है जबकि यह महान किताब श्री भगवान् जी के मुख से निकली है , इंसान जब छोटे - मोटे देवताओ के ज्ञान और शक्ति के आगे नहीं ठहरते तो भला देवो के देव श्री कृष्ण भगवान् जी के सामने कैसे टिक सकते है , इसलिए ब्यक्ति को चाहिए की यह किताब सबसे पहले पढ़े और जरूर- जरूर से पढ़े।
अगर उससे पहले श्री गीता के बुक को पढ़ने के लिए मानसिक तौर से अपने आप को थोड़ा प्रिपेयर करना चाहते हैं तो आप विदुर नीति और अमृत बिंदु जैसे बुक भी पढ़ सकते हैं यह काफी पतली किताबें है . इन्हे पढ़ने के बाद आपके दिमाक में इतनी सेट अप आ जाएगी की श्री गीता को आसानी से पढ़ सके। यह किताबे आप एक से दो दिन में पढ़ सकते हैं और अगर रिलैक्स होकर पढ़ेंगे तो एक -दो हप्ताह लग सकता है। वैसे जल्दी पढ़ने के बजाय रिलैक्स होकर पढ़ना ज्यादा सही रहता है क्योकि इसस कंटेंट ( किताब में लिखी गयी बाते } दिमाग में में आसानी से उतर जाता है।
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