बाल कन्याओं पर निरादर ,अत्याचार और कुदृष्टि डालने वाले ब्यक्तियो को अगले जन्म में माता की कोख नहीं मिलती। आज की नन्ही बालिकाएं जब युवा हो जाती है तो वे आज के वृद्धो को शरीर छोड़ने अर्थात मृत्यु के बाद जन्म देती है ( यदि वृद्ध क कर्म अच्छे हुए तो ) मूर्खो को यह बात क्यों नहो समझ आती।
,,,. कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि व्यक्ति को माता का कोख क्या जानवरों का भी कोख नहीं मिलता है और जानवरों की बात छोड़िए पक्षियों का भी की कोख नहीं मिलता ऐसे व्यक्तियों को अगर कुछ मिलती है तो वह है प्रेत योनि और प्रेत योनि में व्यक्ति का प्रत्येक दिन मृत्यु के समान गुजरता है।
उसे भयानक कष्ट का सामना करना पड़ता है उसे ना दिन का चैन होता है और ना रात का चैन होता है।
इसलिए बाल कन्याओं का निरादर, उन पर अत्याचार करना, उन पर कुदृष्टि डालना.... इत्यादि जघन्य अपराध करने से पहले 1000 बार जरूर सोचे ,यह सोचे कि यह काम तो आप कर ले रहे हैं लेकिन इसका परिणाम क्या होगा?
याद रखिए कि आपको लगेगा कि आप ही दुनिया के शहंशाह और बादशाह लेकिन वास्तव में दुनिया आप नहीं चला रहे यह भी मत भूलियेगा। और दुनिया चलाने वाले Shri HARI सबका ध्यान रखते है that who is what doing ?
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